Rashtra Uday Party | राष्ट्रीय उदय पार्टी
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गठन |
2 अक्टूबर 2018 |
पार्टी का रजिस्ट्रेशन |
2 अप्रैल 2019 |
चुनाव चिन्ह |
ट्रक |
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🙏राष्ट्र उदय पार्टी की प्रमुख विचारधारा🙏
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पार्टी की मुख्य विचारधारा यह है कि देश में संविधान ही सर्वोपरि है और जनता ही देश की मालिक है। देश की आबादी का 85% हिस्सा जो वंचित उपेक्षित, दलित, पिछड़ा किसान और मजदूर वर्ग है उसे भी 15% आबादी के बराबर भागीदारी प्राप्त करने का हक है।
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1.राष्ट्रीयता2. समानता 3. मानवता … 1.राष्ट्रीयता
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1.राष्ट्रीयता… हमारी पार्टी का पहला प्रमुख उद्देश्य देश में राष्ट्रीयता की स्थापना करना है। राष्ट्रीयता, देश के प्रत्येक नागरिक को सुरक्षा का अधिकार प्रदान करती है ।राष्ट्रीयता में ‘राष्ट्र’ ही सर्वोपरि है ।हमारी राष्ट्रीयता ,नागरिकता से भी ऊपर है ।हमारी दृष्टि में प्रत्येक नागरिक को जब सभी समान अधिकार प्राप्त होंगे तो ही देश में राष्ट्रीयता स्थापित हो सकेगी।सभी वर्ग के लोगों को धर्म, जाति एवं संप्रदाय से परे रहकर समान अधिकार दिलाना ही हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य है। राष्ट्रीयता ,आम जनता और संप्रभुता अर्थात सत्ता के बीच कानूनी संबंध जोड़ने का कार्य करती है ।राष्ट्रीयता सामाजिक बंधनों से अलग है ।वह जातीयता और धार्मिक सिद्धांतों में नहीं बंधी है।आजादी के 73 वर्षों के बाद भी हमारे देश में राष्ट्रीयता का सिंहासन जातीय, सांप्रदायिक एवं धार्मिक भेदभाव से घिरा हुआ है। हमारा उद्देश्य राष्ट्र को सर्वोपरि रखते हुए सभी वर्गों को समान अधिकार दिलाते हुए देश में राष्ट्रीयता स्थापित करना है । यह राष्ट्र तभी बनेगा महान । हर कदम पर होगी जब, राष्ट्रीयता की पहचान।। उदय होगा राष्ट्र का तब, बनेगा यह देश महान।। तब बनेगा यह देश महान।
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2.समानता …….हमारे संविधान के द्वारा देश के प्रत्येक नागरिक को समानता का अधिकार दिया गया है। इसका अर्थ यह है कि संविधान की दृष्टि में सभी नागरिक समान हैं। धर्म, जाति ,वर्ण, लिंग या संप्रदाय तथा अन्य किसी आधार पर कोई भी व्यक्ति पुरुष या स्त्री छोटा या बड़ा नहीं है। सभी को समान रूप से देश के किसी भी भाग में निवास करने, शिक्षा प्राप्त करने, रोजी-रोटी कमाने, व्यापार एवं नौकरी करने तथा मतदान करने का समान अधिकार प्राप्त है। इस देश में समानता के अधिकारों की रक्षा करना तथा इस अधिकार के दायरे में सभी वंचित एवं पीड़ित वर्ग को न्याय दिलाना हमारी पार्टी का दूसरा प्रमुख उद्देश्य है।नागरिकों को प्राप्त समानता के अधिकारों का आए दिन हनन होता रहता है ।लोगों को धर्म, जाति, संप्रदाय ,लिंग अथवा वर्ण के नाम पर भेदभाव करके शोषित किया जाता है ।छोटे बड़े एवं ऊंच-नीच के कुकृत्यों से राष्ट्र एवं संविधान का अपमान किया जाता है ।हमारा प्रमुख उद्देश्य देश एवं समाज के हर वर्ग में समानता स्थापित करना है ।इस देश में समानता के अधिकार को पूरी तरह से अमल में लाकर हम सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय के लिए कार्य करने को कृतसंकल्प हैं ।शिक्षा के क्षेत्र में देश में अत्यंत असमानता देखने को मिलती है। समानता के अधिकार के अंतर्गत एक शिक्षा नीति बनाना एवं एक बोर्ड के अंतर्गत शिक्षा व्यवस्था को लाकर परीक्षाएं आयोजित करना हमारा लक्ष्य है ।एक व्यवस्था के अंदर जब गरीब एवं अमीर ,नेता एवं अभिनेता ,मजदूर एवं किसान तथा उद्योगपतियों के बच्चे एक साथ शिक्षा प्राप्त करेंगे तो शैक्षणिक समानता कायम होगी और समानता के अधिकार की रक्षा हो सकेगी। सतरंगों का इंद्रधनुष लेकर, चले हमारा वीर। समता के तरकस में होगा मानवता का तीर।।
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3..मानवता. मानवता के प्रति समर्पण तथा इमानदारी से नैतिक मूल्यों की रक्षा के लिए प्रतिबद्धता ही हमारी पार्टी का तीसरा प्रमुख लक्ष्य है ।नैतिकता के पतन से आत्म बल में आने वाली कमी को दूर कर सबल मानसिकता के द्वारा मानवता की रक्षा करना हमारा प्रमुख कर्तव्य है। धार्मिक भेदभाव के आधार पर मानवता को ठेस पहुंचाने वाले असामाजिक तत्वों का तीव्र प्रतिकार करके आपसी भाईचारा स्थापित करना इस पार्टी का प्रमुख उद्देश्य है।वंचितों, पीड़ितों एवं गरीबों तथा मजदूरों के घावों पर मरहम लगाकर उन्हें विकास की प्रमुख धारा में लाना तथा स्त्रियों एवं बच्चों के लिए कल्याणकारी योजनाएं लागू करना हमारे प्राथमिक मानवीय पहलू हैं।मानवता ही मानव का सबसे बड़ा धर्म है ।प्रेम ,एकता एवं भाईचारा स्थापित करना, संस्कृति की रक्षा करना, पर्यावरण की रक्षा करना एवं प्रदूषण से मुक्ति दिलाना हमारा प्रमुख मानवीय पहलू हैं। हमारा कहना है– लहू का रंग एक है, अमीर क्या गरीब क्या । बने हैं एक खाक से तो दूर क्या करीब क्या।।
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राष्ट्रीय अध्यक्ष बाबू राम पाल जी का परिचय
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जन्म स्थान |
ग्राम - बेसहुपुर , पोस्ट - सेवापुरी , जिला - वाराणसी ( उत्तर प्रदेश ) |
जन्म दिन |
25 अप्रैल 1975 |
पिता |
श्री जग्गू पाल |
माता |
श्रीमती बलवंती देवी |
पत्नी |
श्रीमती कविता पाल |
पुत्र |
1- अक्षय , 2- अभिषेक , 3- आशीष |
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बाबूराम पाल जी के संघर्षों की कहानी
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हजारों-लाखों गरीबों, मजदूरों, वंचित एवं उपेक्षित पिछड़ों एवं दलितों तथा शोषितों के दिलों पर राज करने वाले युवा हृदय सम्राट श्री बाबूराम पाल जी ग्राम बेसहपुर पोस्ट सेवापुरी जिला वाराणसी की पावन सरजमों पर दि. 25 अप्रैल 1975 को एक सामान्य किसान परिवार में पिता श्री जग्गू पाल एवं माता श्रोम बलवंती देवी के दांपत्य जीवन में खुशियों की सौगात लेकर अवतरित हुए। श्री बाबूराम पाल तीन भाई एवं दो बहनों में सबसे छोटे होने के कारण अपने परिजनों के आंखों के तारे बने, किंतु इनका लालन-पालन गरीबी की ही गोद में बीता।
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बचपन से ही चंचल एवं तेजतर्रार स्वभाव के बालक बाबूराम जी सभी के दुलारे थे। वे बचपन से ही पढ़ाई में विशेष रूचि लेने लगे, साथ ही साथ खेलकूद में भी बहुत ही कौशल हासिल कर लिया। उनकी पढ़ाई के प्रति विशेष अभिरुचि तथा खेलों के प्रति लगाव को देखकर परिवार के अग्रज एवं पिताजी की खुशियों की कोई सीमा नहीं होती थी। सभी की इच्छा थी कि वे पढ़ लिख कर आगे बढ़े किंतु उनके जीवन के दुर्गम पथ पर आगे बढ़ने में उनका शौक पूरा करने में परिवार की आर्थिक तंगी आड़े आने लगी होशियार एवं संघर्षशील प्रवृत्ति के बालक बाबूराम ने गरीबी को देखकर मन में यह संकल्प लिया कि वे गरीबी में जरूर पैदा हुए हैं मगर वे गरीब बनकर कभी नहीं मरेंगे। इसी संकल्प के साथ हाई स्कूल की परीक्षा पास करने के उपरांत बाधाओं से लड़ने की जद्दोजहद में उन्होंने मायानगरी मुंबई को अपनी कर्मभूमि मानकर उसका आलिंगन किया। यहां पधारकर वह गाड़ी में क्लीनर का काम करने लगे। सदैव आगे बढ़ने की प्रवृत्ति के कारण बाद में उन्होंने गाड़ी चलाना सोख लिया और ड्राइवर का लाइसेंस भी प्राप्त कर लिया।
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मुंबई में कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ते हुए अपने कठिन मेहनत के बल पर कुछ ही वर्षों में श्री बाबूराम पाल जी ने तुच्छ गरीबी को मात दे दिया। व्यावसायिक तकनीकों एवं कठिन परिश्रम के बल पर आपने सबसे पहले कमीशन पर एक टैंकर चलाने का कार्य आरंभ किया। तीव्रता से प्रगति करते हुए वे उसी टैंकर को भाड़े पर लेकर चलाने लगे। अपने अथक परिश्रम से आगे बढ़ते हुए श्री बाबूराम जो कुछ पैसे जमा करके अपने ही गांव के एक साथी के साथ पार्टनरशिप में एक टैंकर खरीदकर बहुत ही अल्प समय में गाड़ी मालिक बन गए। आगे चलकर कुछ महीने के परिश्रम के बाद दोनों साथियों ने मिलकर एक ट्रक भी खरीदा और गाड़ी के व्यवसाय में आगे बढ़ते चले गए। व्यापार में आप की लगन एवं परिश्रम तथा सफलता हासिल करने की ललक बिरले लोगों में ही देखने को मिलती है। कुछ वर्षों में इस व्यवसाय में लगातार परिश्रम करते हुए और आगे बढ़ते हुए आप वाटर सप्लाई के व्यवसाय में एक मशहूर व्यवसायी बन गए और कई टैंकरों के मालिक भी बन गए। ज्ञातव्य है कि आज आपके व्यवसाय के नीचे अनेक लोगों को रोजी रोटी मिली हुई है। यह बड़े ही गर्व की बात है कि अनेक सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यक्रमों में व्यस्त रहने के बाद भी आपका व्यवसाय अबाध गति से चल रहा है।
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समाज सेवा
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श्री बाबूराम पाल जी एक उदार एवं मददगार व्यक्तित्व का जाना-पहचाना नाम है। व्यवसाय में सफल होने के बाद उन्होंने अनेक गरीबों, लाचार एवं मजबूर लोगों की मदद करके एक सच्चे समाजसेवी रहनुमा होने का परिचय दिया है। अपने स्वभाव के अनुरूप उन्होंने अपने पास मदद के लिए आने वाले तमाम लोगों की सहायता की है। इसी बीच उनका संपर्क युवा एवं उदीयमान बिरहा कलाकार श्री भैयालाल पाल जी से हुआ श्री बाबूराम पाल के साथ मिलकर श्री भैयालाल पाल जी ने मुंबई एवं उसके आसपास के उपनगरों में अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम करके समाज में अपनी अलग पहचान बनाई।
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संस्कृति एवं कला के उपासक श्री बाबूरान पाल जी ने अनेक सामाजिक संस्थाओं द्वारा आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेकर अपनी समाज सेवा का परिचय दिया। उन्होंने अनेक सामाजिक कार्यक्रम आयोजित करने में महत्वपूर्ण भूमिकाएं भी अदा की। आगे चलकर अपने अनन्य सहयोगियों श्री राधेश्याम पाल जी एवं श्री रामलखन पाल जी के साथ मिलकर पाल सेवा संस्था नामक सामाजिक संगठन के बैनर तले अनेक उल्लेखनीय कार्यक्रम किए। गरीबों के लिए ठंडी ऋतु में कंबल वितरण कार्यक्रम, सामूहिक विवाह करवाने की मुहिम, नारी शक्ति सम्मेलन, दीपावली स्नेह सम्मेलन एवं विवाह योग्य युवक युवती परिचय सम्मेलन जैसे कार्यक्रम आयोजित करके समाज सेवा के क्षेत्र में उन्होंने अच्छी ख्याति अर्जित की।
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दशरथ पाल आईएएस जीवन परिचय | Dashrath Pal IAS Biography
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